कैबिनेट मिशन भारत मार्च 1946 में आया था। ब्रिटिश सरकार ने यह मिशन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को सुलझाने के उद्देश्य से भेजा था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत में संविधान सभा का गठन और एक संविधान तैयार करना था, जो भारत की स्वतंत्रता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
कंटेंट की टॉपिक
कैबिनेट मिशन का उद्देश्य
- संविधान सभा का गठन: कैबिनेट मिशन का मुख्य उद्देश्य भारतीय संविधान सभा का गठन करना था, जो भारतीय संविधान तैयार करेगी। इसके तहत, संविधान सभा में प्रतिनिधियों का चुनाव और एक संविधान तैयार करना शामिल था।
- स्वतंत्रता का मार्ग: मिशन ने भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने की दिशा में कदम उठाने का प्रस्ताव किया। ब्रिटिश सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि भारत में एक स्थायी और लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो सके।
- राजनीतिक समझौता: मिशन ने भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों और समूहों के बीच समझौता और सहयोग सुनिश्चित करने की कोशिश की। इसके अंतर्गत, मुस्लिम लीग और कांग्रेस पार्टी के बीच एक समझौता प्राप्त करना भी शामिल था।
कैबिनेट मिशन के प्रमुख सदस्य
कैबिनेट मिशन में तीन प्रमुख सदस्य शामिल थे:
- लॉर्ड पैटेल: भारतीय उपनिवेशों के मामलों के मंत्री, जिन्होंने भारत में ब्रिटिश सरकार के प्रमुख प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया।
- सिर रिचर्ड क्रॉस: सचिवालय के मंत्री, जिन्होंने भारतीय संविधान पर विचार-विमर्श करने के लिए मिशन में योगदान दिया।
- सिर पैट्रिक लॉरेंस: अन्य प्रमुख सदस्य, जिन्होंने संविधान और स्वतंत्रता के मुद्दों पर चर्चा की।
कैबिनेट मिशन की योजना
कैबिनेट मिशन ने भारतीय स्वतंत्रता के लिए निम्नलिखित योजनाएँ और प्रस्ताव प्रस्तुत किए:
- संविधान सभा का गठन: मिशन ने प्रस्तावित किया कि एक संविधान सभा का गठन किया जाए, जिसमें भारतीय प्रांतों और प्रांतों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह संविधान सभा एक संविधान तैयार करेगी जो भारतीय संघ की संरचना और प्रशासन को निर्धारित करेगा।
- संविधान और सरकार की संरचना: मिशन ने भारतीय संघ की संरचना के बारे में सुझाव दिए। इसके तहत, भारतीय संघ को एक केंद्र और राज्य स्तर पर विभाजित किया जाएगा, जिसमें केंद्र को कुछ विशेष अधिकार और राज्य को अपनी स्वतंत्रता दी जाएगी।
- पार्टी समझौता: मिशन ने भारतीय राजनीतिक दलों, विशेषकर कांग्रेस और मुस्लिम लीग, के बीच समझौते के प्रयास किए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि विभिन्न दल और समूह एक साझा संविधान के लिए सहमत हो सकें।
अंतरिम सरकार का गठन
कैबिनेट मिशन के प्रस्तावों के आधार पर, भारत में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया। इस अंतरिम सरकार का गठन 15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के साथ हुआ। इस सरकार का उद्देश्य भारतीय संविधान तैयार करना और स्वतंत्र भारत की पहली स्थायी सरकार का गठन करना था।
अंतरिम सरकार के प्रमुख तत्व
- प्रमुख नेताओं का चयन: अंतरिम सरकार में प्रमुख नेताओं की नियुक्ति की गई, जिसमें जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री और सदार वल्लभभाई पटेल को उपप्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
- संविधान सभा का गठन: अंतरिम सरकार ने संविधान सभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा किया, जिसमें संविधान को तैयार करने का कार्य किया गया।
- स्वतंत्रता की दिशा में कदम: अंतरिम सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए, जिसमें भारतीय संविधान को अंतिम रूप देना और स्वतंत्र भारत के प्रशासन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना शामिल था।
निष्कर्ष
कैबिनेट मिशन का भारत आगमन मार्च 1946 में हुआ और इस मिशन के द्वारा भारतीय संविधान सभा का गठन और एक स्वतंत्र भारत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। अंतरिम सरकार का गठन इस मिशन के प्रस्तावों के आधार पर हुआ, और यह स्वतंत्र भारत के संविधान और प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था।
Leave a Reply