एक बार की बात है… गर्मी का मौसम था। सूरज सिर पर था और चारों ओर लू चल रही थी। एक कौआ बहुत प्यासा था। वह आसमान में उड़-उड़कर पानी की तलाश कर रहा था, लेकिन कहीं भी पानी नहीं मिल रहा था।
काफी देर तक उड़ने के बाद उसे एक बगीचे में एक घड़ा दिखा। कौआ बहुत खुश हो गया। वह घड़े के पास गया और अंदर झाँककर देखा। लेकिन घड़े में बहुत थोड़ा-सा पानी था। उसकी चोंच वहाँ तक नहीं पहुँच पा रही थी।
कौआ सोचने लगा – अब क्या करूँ?
वह थका हुआ था, लेकिन हार मानने वाला नहीं था।
तभी उसे एक उपाय सूझा।
वह पास में पड़े छोटे-छोटे कंकड़ लाने लगा और एक-एक करके घड़े में डालने लगा। धीरे-धीरे घड़े का पानी ऊपर आने लगा।
कुछ देर में पानी इतना ऊपर आ गया कि कौआ आराम से पानी पी सका। उसकी प्यास बुझ गई और वह खुश होकर उड़ गया।
🌟 शिक्षा / नैतिक संदेश:
- जहाँ चाह वहाँ राह।
- समझदारी और मेहनत से हर समस्या का हल निकल सकता है।
- कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
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