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Home » हिन्दू देवी देवताओं के नाम

हिन्दू देवी देवताओं के नाम

August 13, 2024 by AMAN SINGH Leave a Comment

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हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का विशेष महत्त्व है। ये देवी-देवता सृष्टि, पालन, और संहार की विभिन्न भूमिकाओं का निर्वाह करते हैं। यहां प्रमुख हिन्दू देवी-देवताओं के नाम और उनके बारे में गहराई से जानकारी दी गई है:

कंटेंट की टॉपिक

  • 1. ब्रह्मा
  • 2. विष्णु
  • 3. शिव
  • 4. लक्ष्मी
  • 5. सरस्वती
  • 6. पार्वती
  • 7. गणेश
  • 8. कार्तिकेय
  • 9. हनुमान
  • 10. कृष्ण
  • 11. राम
  • 12. दुर्गा
  • 13. काली
  • 14. सरस्वती
  • 15. लक्ष्मी
  • 16. सरस्वती
  • 17. अग्नि
  • 18. इंद्र
  • 19. वायु
  • 20. वरुण
  • 21. यमराज
  • 22. सूर्य
  • 23. चंद्रमा
  • 24. गंगा
  • 25. नंदी
  • 26. गरुड़
  • 27. गायत्री
  • 28. अन्नपूर्णा
  • 29. कामधेनु
  • 30. अश्विनी कुमार
  • 31. नवग्रह
  • 32. सप्तर्षि
  • 33. वायु देवता
  • 34. वरुण देवता
  • 35. कुबेर
  • 36. कामदेव
  • 37. यमराज
  • 38. चंडिका
  • 39. तुलसी
  • 40. विष्णुमाया

1. ब्रह्मा

  • भूमिका: सृष्टिकर्ता
  • विवरण: ब्रह्मा हिन्दू त्रिमूर्ति में सृष्टिकर्ता के रूप में पूजनीय हैं। उनकी चार मुख हैं, जो चार वेदों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनका वाहन हंस है, और उन्हें विद्या, ज्ञान, और सृष्टि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। ब्रह्मा की पत्नी सरस्वती हैं, जो ज्ञान और कला की देवी मानी जाती हैं।

2. विष्णु

  • भूमिका: पालनकर्ता
  • विवरण: विष्णु त्रिमूर्ति के दूसरे देवता हैं और संसार के पालनकर्ता माने जाते हैं। विष्णु के दस अवतार हैं जिन्हें दशावतार कहा जाता है, जिनमें प्रमुख हैं राम और कृष्ण। उनका वाहन गरुड़ है और उनका शंख, चक्र, गदा और पद्म प्रमुख चिह्न होते हैं। उनकी पत्नी लक्ष्मी हैं, जो धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं।

3. शिव

  • भूमिका: संहारकर्ता
  • विवरण: शिव त्रिमूर्ति के तीसरे देवता हैं और उन्हें संहारकर्ता के रूप में जाना जाता है। शिव का स्वरूप नटराज के रूप में प्रचलित है, जिसमें वे तांडव नृत्य करते हुए दिखते हैं। उनका वाहन नंदी (बैल) है, और त्रिशूल, डमरू और नाग उनके प्रमुख चिह्न हैं। उनकी पत्नी पार्वती हैं, जो शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं।

4. लक्ष्मी

  • भूमिका: धन और समृद्धि की देवी
  • विवरण: लक्ष्मी विष्णु की पत्नी हैं और उन्हें धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी माना जाता है। दीवाली के अवसर पर विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की जाती है। उनका वाहन उल्लू है और वह कमल के फूल पर विराजमान होती हैं।

5. सरस्वती

  • भूमिका: विद्या और कला की देवी
  • विवरण: सरस्वती ब्रह्मा की पत्नी हैं और ज्ञान, संगीत, कला और विद्या की देवी मानी जाती हैं। सरस्वती वसंत पंचमी के दिन विशेष रूप से पूजी जाती हैं। उनका वाहन हंस है, और वीणा उनका प्रमुख चिह्न है।

6. पार्वती

  • भूमिका: शक्ति और प्रेम की देवी
  • विवरण: पार्वती शिव की पत्नी हैं और उन्हें शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनके कई रूप हैं, जैसे दुर्गा, काली, और गौरी। पार्वती का वाहन सिंह है, और उनके विभिन्न रूपों की पूजा विभिन्न अवसरों पर की जाती है।

7. गणेश

  • भूमिका: प्रारंभ के देवता
  • विवरण: गणेश, शिव और पार्वती के पुत्र हैं और उन्हें सभी शुभ कार्यों की शुरुआत में पूजा जाता है। गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, और उनकी मूर्ति में हाथी का सिर होता है। उनका वाहन मूषक (चूहा) है।

8. कार्तिकेय

  • भूमिका: युद्ध के देवता
  • विवरण: कार्तिकेय, शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं। उन्हें युद्ध और साहस का देवता माना जाता है। उनका वाहन मयूर है और उनके हाथ में शक्ति होती है। दक्षिण भारत में उन्हें मुरुगन के नाम से भी पूजा जाता है।

9. हनुमान

  • भूमिका: भक्ति और शक्ति के प्रतीक
  • विवरण: हनुमान, पवनपुत्र हैं और उन्हें राम के परम भक्त के रूप में जाना जाता है। उन्हें अजेय शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। हनुमान का वाहन वायु है और वे रामायण के प्रमुख पात्र हैं।

10. कृष्ण

  • भूमिका: प्रेम और धर्म के देवता
  • विवरण: कृष्ण, विष्णु के आठवें अवतार हैं। उनका जीवन प्रेम, भक्ति और धर्म का उदाहरण है। कृष्ण का प्रमुख ग्रंथ भगवद गीता है, जिसमें उन्होंने अर्जुन को धर्म और कर्म का उपदेश दिया। उनकी पत्नी राधा और रुक्मिणी हैं।

11. राम

  • भूमिका: मर्यादा पुरुषोत्तम
  • विवरण: राम, विष्णु के सातवें अवतार हैं। उन्होंने रावण का वध करके धर्म की स्थापना की। उनका जीवन रामायण में वर्णित है, और राम नवमी के दिन उनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण उनके जीवन के महत्वपूर्ण पात्र हैं।

12. दुर्गा

  • भूमिका: शक्ति की देवी
  • विवरण: दुर्गा, पार्वती का एक रूप हैं और उन्हें शक्ति की देवी माना जाता है। दुर्गा पूजा विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान होती है। उनका वाहन सिंह है और उनके हाथ में विभिन्न अस्त्र-शस्त्र होते हैं।

13. काली

  • भूमिका: संहार की देवी
  • विवरण: काली, पार्वती का एक उग्र रूप हैं। उन्हें संहार और अंधकार की देवी माना जाता है। काली पूजा विशेष रूप से बंगाल में की जाती है। उनका वाहन सिंह है और वह राक्षसों का संहार करती हैं।

14. सरस्वती

  • भूमिका: ज्ञान और कला की देवी
  • विवरण: सरस्वती, ब्रह्मा की पत्नी और ज्ञान, संगीत, और कला की देवी हैं। वेदों की उत्पत्ति उनके मुख से हुई मानी जाती है। उनका वाहन हंस है, और वे वीणा धारण करती हैं।

15. लक्ष्मी

  • भूमिका: धन और समृद्धि की देवी
  • विवरण: लक्ष्मी, विष्णु की पत्नी और धन, ऐश्वर्य, और समृद्धि की देवी हैं। उनका वाहन उल्लू है और वे कमल के फूल पर विराजमान होती हैं। दीपावली के दिन विशेष रूप से लक्ष्मी पूजा की जाती है।

16. सरस्वती

  • भूमिका: विद्या और कला की देवी
  • विवरण: सरस्वती, ब्रह्मा की पत्नी और विद्या, संगीत, और कला की देवी हैं। उनका वाहन हंस है और वीणा उनका प्रमुख चिह्न है। वसंत पंचमी के दिन सरस्वती पूजा की जाती है।

17. अग्नि

  • भूमिका: अग्नि के देवता
  • विवरण: अग्नि देवता को यज्ञ और हवन में प्रमुख देवता माना जाता है। वे देवताओं के और मनुष्यों के बीच माध्यम होते हैं। उनका वाहन बकरी है और वे अग्नि के स्वरूप में पूजे जाते हैं।

18. इंद्र

  • भूमिका: देवताओं के राजा
  • विवरण: इंद्र देवताओं के राजा माने जाते हैं। वे वज्र को धारण करते हैं और मेघों के स्वामी माने जाते हैं। उनका वाहन ऐरावत (सफ़ेद हाथी) है और वे स्वर्ग के प्रमुख देवता हैं।

19. वायु

  • भूमिका: वायु के देवता
  • विवरण: वायु, पवन देवता हैं और उनका वाहन हिरण है। उन्हें जीवनदायी वायु का प्रतीक माना जाता है और वे प्राणवायु के रूप में पूजे जाते हैं।

20. वरुण

  • भूमिका: जल के देवता
  • विवरण: वरुण जल और समुद्र के देवता हैं। वे सत्य और न्याय के रक्षक भी माने जाते हैं। उनका वाहन मकर (मिथकीय जलीय जीव) है और वे समुद्रों के स्वामी हैं।

21. यमराज

  • भूमिका: मृत्यु के देवता
  • विवरण: यमराज मृत्यु के देवता हैं और मृत्युलोक के स्वामी हैं। उनका वाहन भैंसा है और वे धर्म और न्याय के रक्षक माने जाते हैं।

22. सूर्य

  • भूमिका: सूर्य देवता
  • विवरण: सूर्य देवता को सृष्टि के पोषण और जीवनदायी शक्ति के रूप में पूजा जाता है। उनका रथ सात घोड़ों द्वारा खींचा जाता है। मकर संक्रांति और छठ पूजा में सूर्य की विशेष पूजा की जाती है।

23. चंद्रमा

  • भूमिका: चंद्र देवता
  • विवरण: चंद्रमा को शीतलता और शांति का प्रतीक माना जाता है। वे ग्रहों के राजा भी माने जाते हैं। चंद्रमा का वाहन रथ है जो दस सफ़ेद घोड़ों द्वारा खींचा जाता है।

24. गंगा

  • भूमिका: पवित्र नदी की देवी
  • विवरण: गंगा, पवित्र नदी की देवी हैं जो स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरी थीं। उन्हें मोक्षदायिनी माना जाता है और उनका वाहन मगरमच्छ है। गंगा दशहरा के अवसर पर उनकी विशेष पूजा की जाती है।

25. नंदी

  • भूमिका: शिव का वाहन
  • विवरण: नंदी, भगवान शिव के प्रिय वाहन हैं। वे बैल के रूप में दिखते हैं और शक्ति और भक्ति के प्रतीक माने जाते हैं।

26. गरुड़

  • भूमिका: विष्णु का वाहन
  • विवरण: गरुड़, विष्णु का वाहन हैं और उन्हें सभी पक्षियों का राजा माना जाता है। वे अजेय शक्ति और गति के प्रतीक हैं।

27. गायत्री

  • भूमिका: वेदों की माता
  • विवरण: गायत्री देवी को वेदों की माता माना जाता है और वे गायत्री मंत्र की अधिष्ठात्री देवी हैं। वे ब्रह्मा की पत्नी हैं और उनके पांच मुख और दस भुजाएँ होती हैं।

28. अन्नपूर्णा

  • भूमिका: अन्न की देवी
  • विवरण: अन्नपूर्णा, देवी पार्वती का एक रूप हैं और उन्हें अन्न की देवी माना जाता है। वे अन्नदान और समृद्धि का प्रतीक हैं। उनका वाहन सिंह है और वे भोजन का भंडार प्रदान करती हैं।

29. कामधेनु

  • भूमिका: इच्छा पूर्ति की गाय
  • विवरण: कामधेनु, एक दिव्य गाय है जिसे सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाली माना जाता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में कामधेनु का वर्णन अद्भुत शक्ति और धन की दायिनी के रूप में किया गया है।

30. अश्विनी कुमार

  • भूमिका: स्वास्थ्य के देवता
  • विवरण: अश्विनी कुमार, जुड़वा देवता हैं जो सूर्य और संध्या के पुत्र हैं। उन्हें स्वास्थ्य और चिकित्सा के देवता माना जाता है। वे अश्व (घोड़े) के रूप में पूजे जाते हैं और आयुर्वेद के प्रवर्तक माने जाते हैं।

31. नवग्रह

  • भूमिका: नौ ग्रहों के देवता
  • विवरण: नवग्रह, हिन्दू ज्योतिष के नौ प्रमुख ग्रह हैं जिनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। ये सूर्य, चंद्रमा, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु हैं। इन ग्रहों की स्थिति व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालती है और इनकी शांति के लिए विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

32. सप्तर्षि

  • भूमिका: सात महान ऋषि
  • विवरण: सप्तर्षि, सात महान ऋषि हैं जो ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं। ये हैं: वशिष्ठ, कश्यप, अत्रि, जमदग्नि, गौतम, विश्वामित्र, और भरद्वाज। ये ऋषि ब्रह्मांड की रचना में सहायक माने जाते हैं और वेदों के रचयिता भी कहे जाते हैं।

33. वायु देवता

  • भूमिका: वायु के देवता
  • विवरण: वायु देवता, वायु के देवता हैं और उनका वाहन हिरण है। उन्हें जीवनदायिनी वायु का प्रतीक माना जाता है और वे प्राणवायु के रूप में पूजे जाते हैं। पवनपुत्र हनुमान उनके पुत्र माने जाते हैं।

34. वरुण देवता

  • भूमिका: जल के देवता
  • विवरण: वरुण देवता जल और समुद्र के देवता हैं। वे सत्य और न्याय के रक्षक भी माने जाते हैं। उनका वाहन मकर (मिथकीय जलीय जीव) है और वे समुद्रों के स्वामी हैं। वरुण देवता की पूजा जल और समुद्र से जुड़ी पूजा विधियों में की जाती है।

35. कुबेर

  • भूमिका: धन के देवता
  • विवरण: कुबेर, धन के देवता और यक्षों के राजा माने जाते हैं। उनका वाहन गधा है और वे उत्तर दिशा के स्वामी भी हैं। कुबेर की पूजा विशेष रूप से धन और समृद्धि के लिए की जाती है।

36. कामदेव

  • भूमिका: प्रेम के देवता
  • विवरण: कामदेव, प्रेम और आकर्षण के देवता माने जाते हैं। उनका वाहन तोता है और उनके धनुष का नाम ‘पुष्पधनुष’ है। कामदेव की पूजा वसंत ऋतु में विशेष रूप से की जाती है, जब प्रकृति में प्रेम और सौंदर्य का वास होता है।

37. यमराज

  • भूमिका: मृत्यु के देवता
  • विवरण: यमराज, मृत्यु के देवता हैं और मृत्युलोक के स्वामी हैं। उनका वाहन भैंसा है और वे धर्म और न्याय के रक्षक माने जाते हैं। यमराज की पूजा विशेष रूप से पितृ पक्ष और श्राद्ध के अवसर पर की जाती है।

38. चंडिका

  • भूमिका: उग्रता और शक्ति की देवी
  • विवरण: चंडिका, देवी दुर्गा का उग्र रूप मानी जाती हैं। उनका वाहन सिंह है और वे राक्षसों का संहार करती हैं। चंडिका की पूजा शक्ति की उपासना के रूप में की जाती है, विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान।

39. तुलसी

  • भूमिका: पवित्र पौधे की देवी
  • विवरण: तुलसी, एक पवित्र पौधा है जिसे देवी का रूप माना जाता है। तुलसी की पूजा घरों में धार्मिकता और पवित्रता के प्रतीक के रूप में की जाती है। तुलसी के पौधे को विष्णु की पत्नी भी माना जाता है।

40. विष्णुमाया

  • भूमिका: मायावी शक्ति की देवी
  • विवरण: विष्णुमाया, भगवान विष्णु की मायावी शक्ति का रूप मानी जाती हैं। उन्हें माया और अदृश्य शक्ति की देवी माना जाता है। विष्णुमाया की पूजा विशेष रूप से दक्षिण भारत में की जाती है।

यह सूची केवल प्रमुख देवी-देवताओं की है। हिन्दू धर्म में और भी कई देवी-देवता हैं जिनकी पूजा-अर्चना विभिन्न रूपों और अवसरों पर की जाती है। हिन्दू धर्म की यह विशिष्टता है कि इसमें प्रत्येक देवी-देवता का विशेष महत्त्व है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Filed Under: Hindu Gods Tagged With: Hindu Gods

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